



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )
इस्तांबुल, 28 अगस्त यूनान ने भूमध्य सागर के ऊपर तुर्की के एफ-16 लड़ाकू विमानों पर तब जमीन
से हवा में मार करने वाली मिसाइल तानी जब वे अंतरराष्ट्रीय वायुक्षेत्र में टोही अभियान पर थे। यह दावा तुर्की की
सरकारी समाचार एजेंसी अनाडोलु ने रविवार को किया।
समाचार एजेंसी ने रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि क्रेटे द्वीप पर स्थापित यूनान की एस-300
मिसाइल प्रणाली ने 23 अगस्त को तुर्की के लड़ाकू विमानों पर हमले के लिए सारी गणनात्मक तैयारी कर ली थी।
एजेंसी के मुताबिक, तुर्की के एफ-16 लड़ाकू विमान यूनान के पश्चिमी रोड्स द्वीप के पास 10 हजार फीट की
ऊंचाई पर उड़ रहे थे, तभी रूस निर्मित एस-300 मिसाइल प्रणाली ने उन्हें निशाना बनाने के लिए अपने रडार पर
ले लिया।
अनाडोलु ने रक्षा सूत्रों के हवाले से दावा किया कि ‘‘शत्रुतापूर्ण माहौल होने के बावजूद’’ तुर्की के विमान अपना
मिशन पूरा कर अपने ठिकानों पर लौट गये।
खबर के मुताबिक, विमानों को रडार पर लेने को नाटो की नियमावली के तहत शत्रु कार्रवाई माना जाता है।
इस बारे में जब अंकारा स्थित यूनानी दूतावास से रविवार को संपर्क किया गया तो वहां से कोई जवाब नहीं आया।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह तुर्की ने यूनान के सैन्य अताशे को समन किया था और नाटो से शिकायत की थी
कि यूनान के एफ-16 विमानों ने कथित तौर पर तुर्की के एफ-16 विमानों को गठबंधन के मिशन के दौरान परेशान
किया था।
अनाडोलु के मुताबिक यूनानी पायलट ने तुर्की के विमान को पूर्वी भूमध्य सागर के ऊपर अपने रडार पर लिया,
जिसका तुर्की की ओर से ‘ जरूरी जवाब दिया गया’’ और विमानों को इलाका छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
हालांकि, यूनान ने तुर्की के दावे को खारिज कर दिया है। यूनान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि तुर्की के विमान
बिना पूर्व सूचना के अमेरिका के बी-52 बॉम्बर के साथ आए, जबकि इसकी जरूरत नहीं थी। साथ ही वह इलाका
यूनान के विमानों के नियंत्रण में था।
यूनानी रक्षा मंत्रालाय ने बताया कि उसके चार लड़ाकू विमानों ने तुर्की के विमानों का पीछा किया और इसकी
जानकारी एथेंस में नाटो और अमेरिकी अधिकारियों को दी।
गौरतलब है कि नाटो सदस्य तुर्की और यूनान के बीच कई दशकों से सीमा विवाद चल रहा है।