



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )
इस्लामाबाद, 26 अगस्त पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपी) और बलूचिस्तान में तहरीक-ए-
तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) आतंकी समूह के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अभियान जारी रखते हुए पाकिस्तानी
सेना के शीर्ष अधिकारियों ने कड़ा रूख अख्तियार करने का संकेत दिया है।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, 250वें कोर कमांडर्स सम्मेलन में सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा ने कहा आतंकवाद
का मुकाबला करने के लिए ऑपरेशनल तैयारी जारी रखी जाएगी और विशेष रूप से केपी और बलूचिस्तान में विशेष
प्रयास किए जाएंगे। सेना द्वारा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा और बाढ़ राहत कार्य एजेंडे में सबसे ऊपर है। सम्मेलन
पर आईएसपीआर प्रेस रिलीज में आतंकवाद विरोधी अभियानों पर जोर देने के बारे में कोई विवरण नहीं दिया गया।
बलूच विद्रोहियों, गुल बहादुर समूह (केपी) और कुछ अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अभियान जारी है। जहां
तक पाकिस्तानी सुरक्षा बलों का संबंध है, ईद-उल-फितर के बाद से सुरक्षा बलों और टीटीपी के बीच शत्रुता समाप्त
हो गई है। मौजूदा समय में, दोनों पक्ष तीन महीने के युद्धविराम के समझौते का पालन कर रहे हैं। उनके
प्रतिनिधि शांति वार्ता पर लगातार जोर दे रहे हैं।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, केपी और बलूचिस्तान प्रांतों में अभियानों को जारी रखने के बारे में जनरल बाजवा का
दावा है कि टीटीपी सेनानियों की वापसी के कारण नाराजगी बढ़ती जा रही है। कई लोगों का मानना है कि संदेह है
कि टीटीपी के लोग शांति वार्ता के चलते वापस लौट रहे हैं। इस महीने की शुरूआत में, स्वात के मट्टा इलाके में
टीटीपी उग्रवादियों को देखा गया था और कानून-प्रवर्तन एजेंसियों के साथ उनके संघर्ष की सूचना मिली थी। इसी
तरह, उत्तर और दक्षिण वजीरिस्तान में उनकी उपस्थिति दर्ज की गई है, जहां हत्याओं और अपहरण के मामले
ज्यादा सामने आ रहे हैं। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, इसके कारण स्वात और उत्तरी वजीरिस्तान में टीटीपी विरोधी
प्रदर्शन हुए हैं।