



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )
इस बदलते मौसम में घूमने-फिरने का अपना ही मजा है। ऐसे में यदि प्रकृति के पास जाने का मौका आपको मिले
तो उसे कभी गंवाना नहीं चाहिए। कुदरत के हसीन नजारे और ये बदलता मौसम दोनों जब साथ मिलते हैं तो जीने
का एक अलग ही मजा महसूस होता है। आज हम बात करेंगे कर्नाटक की हसीन वादियों के बारे में, जहां जाकर
वापिस आने को आपका दिल नहीं मानेगा।
कुर्ग: कुर्ग में आपको चाय, कॉफी और मसालों के पेड़ देखने को मिलेंगे। कुर्ग को इसकी खूबसूरती की वजह से
भारत का स्कॉटलैंड भी कहा जाता है। कुर्ग में आपको अब्बी फॉल्स, तिब्बती मिनिस्ट्री, मंडाल पत्ती और राजा की
सीट जैसी खूबसूरत जगहें देखने को मिलेंगी।
बदामी गुफाएं: कर्नाटक राज्य के बगलकोट जिले में स्थित है बादामी कस्बा दुनियाभर की प्रसिद्ध गुफओं में से
एक है। यहां इन गुफाओं के अलावा और भी कई ऐतिहासिक स्थल स्थित हैं। यहां आपको सदियों पुरानी इमारतें,
गुफाएं, मंदिर और महल के साथ ही प्रकृति के हसीन नजारे देखने को मिलेंगे।
जोग वॉटरफॉल: कर्नाटक की सीमा पर स्थित शरावती नदी के ऊपर से गिरते झरने को जोग वाटर फॉल कहा जाता
है। इस वॉटर फॉल का पानी चार नदियों से मिलकर आता है। 250 मीटर की ऊंचाई से गिरते इस वॉटर फॉल के
पानी का दृश्य बहुत ही सुंदर दिखता है।
हम्पी मंदिर: हम्पी जगह आज बेशक खंडहर हो गई है लेकिन इसके बावजूद उसके यह जगह यूनेस्को द्वरा
प्रमाणित विश्व के विरासित स्थलों में शामिल है। इसकी वजह है हम्पी की गोल चट्टानों और टीलों पर बने मंदिर,
तहखाने, पानी का खंडहर, बड़-बड़े चबूतरे और कर्नाटक का खास हम्पी उत्सव।
मंगलौर का खाना: घूमने-फिरने के साथ-साथ कर्नाटक में स्थित मंगलौर का खाना बहुत फेमस है। यहां का खाना
खासतौर पर नारियल डालकर तैयार किया जाता है। यहां की खासियत है कोरी रोटी, नीर डोसा, पिट रोड, दुकरा
मांस और खली। कर्नाटक घूमने जाएं तो यहां के खास व्यंजन जरुर चखकर आएं।
व्हाट्सएप बढ़ाएगा आपके स्मार्टफोन की मेमोरी, फॉलो करें ये स्टेप्स
स्मार्टफोन में हम अपने काम की कई ऐप्स और डॉक्यूमेंट्स को सेव रखते हैं। वहीं, फोन में कई ऐसी चीजें भी
मौजूद होती हैं जो फोन की मेमोरी की खपत करती हैं। इन्हीं में से कुछ होती हैं व्हाट्सएप मीडिया फाइल्स। अगर
हम अपने व्हाट्सएप ग्रुप को म्यूट कर भी दें तो भी ये स्मार्टफोन की मेमोरी की खपत करती हैं। लेकिन क्या आप
जानते हैं कि व्हाट्सएप आपकी सिर्फ कॉलिंग और मैसेज करने में ही नहीं बल्कि और भी कई कामों में मदद कर
सकता है। आप व्हाट्सएप के जरिए अपने स्मार्टफोन की मेमोरी को भी बूस्ट कर सकते हैं। सिर्फ एंड्रॉइड ही नहीं
बल्कि आईफोन में भी ये तरीका अपनाया जा सकता है। इस पोस्ट में हम आपको व्हाट्सएप के जरिए स्मार्टफोन
की मेमोरी कैसे बूस्ट की जाए इसकी जानकारी देंगे।
इस तरह व्हाट्सएप के जरिए करें स्मार्टफोन मेमोरी को बूस्ट, फॉलो करें ये स्टेप्स:
1. सबसे पहले व्हाट्सएप को ओपन कर सेटिंग्स में जाएं।
2. इसके बाद डाटा एंड स्टोरेज यूसेज पर टैप करें। यहां आपको एक लिस्ट मिलेगी जिसमें फोटोज, ऑडियो,
वीडियोस, डाक्यूमेंट्स जैसे विकल्प शामिल होंगे।
3. यहां सबसे नीचे स्टोरेज यूसेज का ऑप्शन मिलेगा।
4. स्टोरेज यूसेज पर टैप करने के बाद आपको एक लिस्ट दिखाई देगी।
5. यहां कॉन्टैक्ट्स और ग्रुप चैट्स द्वारा खपत की गई स्टोरेज दिखाई देगी।
6. इस लिस्ट में जो भी आपके काम की चीज नहीं है या जिस ग्रुप की जरुरत नहीं है उसे डिलीट कर दें।
7. डिलीट करने के बाद लिस्ट में उस चैट को टैप करें। यहां आपको नीचे मैनेज की विकल्प मिलेगा। इस पर टैप
करें।
8. यहां पर आपको डिलीट करने के अन्य विकल्प मिलेंगे। इसमें आप सेलेक्ट कर सकते हैं कि आप फोटोज,
वीडियोज, जिफ, डॉक्यूमेंट्स में से किसे डिलीट करना चाहते हैं।
9. इससे फोन मेमोरी की खतत कुछ हद तक कम हो जाएगी।
बालपन
जंगल का कानून (बाल कहानी)
कत्ले-आम के आरोप में बंदी खरगोश कटघरे में खड़ा था।
भेड़िये, लकड़बग्घे, लोमड़ी, सियार उसके खिलाफ अपनी-अपनी गवाही दे चुके थे।
प्रतिवादी वकील ने उनकी गवाही के प्रतिकूल अपना तर्क अदालत के सामने रखा- योर ओनर! मेरे मुवक्किल की
बेगुनाही का सबसे बड़ा सबूत यह है कि वह मांसाहारी ही नहीं है। उसके दाँत मेरी इस बात के गवाह हैं।
लेकिन सरकारी वकील ने उसकी बात काटी।
सवाल शाकाहारी या मांसाहारी होने का है ही नहीं मी लोर्ड! हत्याखोरी का है। मेरे काबिल दोस्त ने इसके दाँतों की
बनावट को इसकी बेगुनाही का सबूत बताया है; लेकिन आप इसके पैने नाखून देखिए, क्रूरता से भरे इसकी आँखों
के स्थायी लाल डोरे देखिए। पुलिस की आहट से चौकन्ना रहने के अभ्यस्त, हर दिशा में घूम सकने वाले इसके
बड़े-बड़े कानों को देखिए; और हादसे को अंजाम देकर पल भर में ही मौका-ए-वारदात से गायब हो सकने में सहायक
बला की फुर्ती को देखिए।
यह कहकर सरकारी वकील ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की सिफारिश अदालत से की।
उसके द्वारा पेश सबूतों और जंगल के प्रभावशाली गवाहों के बयानों पर अदालत ने गंभीरता से विचार किया। जंगल
में अमन-चैन को जारी रखने के मद्देनजर उसने खरगोश को सजा-ए-मौत सुनाई और वहीं पर अपनी कलम तोड़
दी।