



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )
नई दिल्ली, 24 अगस्त। दिल्ली के साकेत कोर्ट ने क्रिकेटर ऋषभ पंत की ओर से हरियाणा के क्रिकेटर
मृगांक सिंह के खिलाफ दायर एक करोड़ 63 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले की सुनवाई टाल दी है।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अभितेष कुमार ने एक सितंबर को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया।
मंगलवार को मृगांक सिंह की ओर से गवाह से बयान दर्ज नहीं किए जा सके। मृगांक सिंह की ओर से पेश वकील
निपुण जोशी ने कहा कि उनके गवाह की तबीयत ठीक नहीं है। उसके बाद कोर्ट ने गवाह को अपने बयान दर्ज
कराने के लिए कोर्ट में पेश होने का अंतिम अवसर देते हुए चेतावनी दी कि अगर आरोपित की ओर से गवाह पेश
नहीं होता है तो बचाव के लिए साक्ष्य देने का अवसर समाप्त कर दिया जाएगा।
चार अगस्त को मृगांक सिंह ने अपने पक्ष में गवाहों की सूची दाखिल की थी। 1 अगस्त को कोर्ट ने आरोपित
मृगांक सिंह को अपने पक्ष में गवाहों की सूची पेश करने का निर्देश दिया था। ऋषभ पंत की शिकायत के मुताबिक
मृगांक सिंह ने उसे अच्छी कीमत पर महंगी घड़ियां दिलाने की पेशकश की थी। इसके अलावा मृगांक ने पंत से
गहने समेत महंगी वस्तुएं भी ली थीं, जिसे उसने नहीं लौटाया।
शिकायत के मुताबिक मृगांक सिंह ने पंत को बताया कि उसने लग्जरी घड़ियां, बैग, आभूषण खरीदने और बेचने का
व्यवसाय शुरू किया है। उसने पंत से झूठे वादे किए कि वह उनके लिए बहुत सस्ते दामों पर लग्जरी घड़ियां और
अन्य सामान खरीद सकता है। इसके बाद ऋषभ पंत ने मृगांक सिंह को एक बड़ी राशि ट्रांसफर कर दिया। इसके
अलावा उन्होंने कुछ कीमती सामान भी मृगांक को दिए ताकि वह उन सामानों को फिर से बेचकर पंत को भारी
मुनाफा दे सके।
पैसे के लेनदेन को लेकर जब विवाद आगे बढ़ा, तो ऋषभ पंत ने मृगांक सिंह को लीगल नोटिस भेजा। तब दोनों के
बीच एक करोड़ 63 लाख रुपये लौटाने को लेकर समझौता हुआ। उसके आधार पर मृगांक सिंह ने ऋषभ पंत को
चेक जारी किया। जब ऋषभ पंत ने इस चेक को बैंक में लगाया तो वो चेक बाउंस हो गया। उसके बाद ऋषभ ने
साकेत कोर्ट में चेक बाउंस का केस दर्ज कराया।