



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )
पेशावर, 22 अगस्त पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक महिला के कथित अपहरण, जबरन
धर्म परिवर्तन और एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी के खिलाफ सिख समुदाय के सदस्यों ने दूसरे दिन भी विरोध
प्रदर्शन किया।
डॉन न्यूज ने महिला के एक रिश्तेदार सनत सिंह के हवाले से कहा, 25 वर्षीय सरकारी शिक्षिका दीना कुमारी
शनिवार को ड्यूटी पर गई और वापस नहीं लौटी। उन्होंने कहा कि परिवार ने उसकी तलाश शुरू कर दी लेकिन
कुछ पता नहीं चल पाया।
उन्होंने कहा कि पीड़िता के परिवार के सदस्य समुदाय के अन्य सदस्यों के साथ शनिवार को पीर बाबा थाने के
सामने जमा हुए और मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की, लेकिन पुलिस ने ऐसा करने से इनकार कर
दिया।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जब पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से मना किया तो परिवार ने थाने के बाहर विरोध
प्रदर्शन शुरू कर दया। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें लापता महिला को ढूंढने का आश्वासन दिया।
सिख समुदाय ने फिर से पुलिस से संपर्क किया, जिन्होंने उन्हें सूचित किया कि वह बरामद हो गई है और उसने
अदालत में एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी कर ली है।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला की सगाई हो गई थी और उसकी शादी अगले महीने होने वाली थी।
एक अन्य सिख समुदाय के नेता रादाश सिंह टोनी ने दावा किया कि महिला का अपहरण कर उसका जबरन धर्म
परिवर्तन कराया गया है। लेकिन मामले में पुलिस मूक दर्शक बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि शनिवार की रात जब समुदाय के लोग जिला पुलिस अधिकारी से मिले तो उन्होंने उन्हें आश्वासन
दिया कि दीना कुमारी को परिवार को सौंप दिया जाएगा, लेकिन रविवार को पुलिस ने परिवार के सदस्यों के साथ
दुर्व्यवहार किया।
टोनी ने मांग की कि सरकार दीना कुमारी को उसके परिवार को सौंप दें।
इस बीच, बुनेर के डीपीओ अब्दुर रशीद ने डॉन न्यूज से बात करते हुए परिवार के आरोपों को खारिज करते हुए
कहा कि पुलिस ने महिला को एक स्थानीय सत्र अदालत में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां उसने अपने बयान
में कहा कि वह इस्लाम में परिवर्तित हो गई है और उसने अपनी मर्जी से शादी की है। इससे संबंधित दस्तावेज भी
जमा किए।
उन्होंने कहा कि अदालत ने पुलिस से कहा कि वह उसे दारुल अमन ले जाए और उसे सुरक्षा मुहैया कराए। डीपीओ
ने कहा, मामला अदालत में है। अगर अदालत एफआईआर दर्ज करने का आदेश देती है, तो पुलिस इस आदेश का
पालन करेगी।