



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )
लंदन, 21 अगस्त (आईएएनएस) इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने स्वीकार किया है कि वह लॉर्डस में दक्षिण
अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में थोड़ा हिचके हुए थे, जब मेजबान टीम तीन दिनों के अंदर पारी और 12 रन से
हार गयी, लेकिन वह ओल्ड ट्रेफर्ड में दूसरे टेस्ट में पूरी तरह प्रतिस्पर्धी रहेंगे ताकि उनकी टीम जीत की राह पर
लौट सके।
ब्रॉड हालांकि लॉर्डस में 100 टेस्ट विकेट लेने वाले जेम्स एंडरसन के बाद दूसरे खिलाड़ी बने लेकिन 36 वर्षीय अपने
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से कोसों दूर थे। वह केवल एक विकेट ही हासिल कर सके और उनकी टीम को दक्षिण अफ्रीका ने
पारी से हराकर तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली।
ब्रॉड ने डेली मेल पर रविवार को अपने कालम में लिखा-निजी तौर पर मैं कुछ हिचकिचाया हुआ था, अपनी लय
और एक्शन पर सवाल उठा रहा था जबकि मुझे प्रतिस्पर्धी होने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए था। शायद मेरे
अंदर यह भावना नहीं थी कि मैं आपके लिए आ रहा हूं।
उन्होंने लिखा, शायद मैंने ज्यादा सावधान होने की गलती की क्योंकि मैं मैच में टेस्ट मैच की कड़ी भावना के साथ
नहीं उतरा। हम छह सप्ताह तक नहीं खेले थे और आप उस प्रतिस्पर्धी भावना को दिखाने से थोड़ा सा दूर थे
जिसकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जरूरत होती है। अब जब मैं दूसरे टेस्ट के लिए ओल्ड ट्रेफर्ड पर उतरूंगा तो मैं पूरी
तरह से प्रतिस्पर्धी रहूंगा। मैंने अब अपना स्पैल किया है, बल्ला पकड़ा है, एक कैच लिया है। मैं अब मुकाबले के
लिए पूरी तरह तैयार हूं।
इंग्लैंड डीन एल्गर की टीम के खिलाफ लॉर्डस टेस्ट में न्यूजीलैंड और भारत के खिलाफ लगातार चार जीत दर्ज
करने के बाद उतरा था। उसकी सफलता का श्रेय उसके नए कोच ब्रेंडन मैकुलम की आक्रामक शैली को दिया गया
था। ब्रॉड ने कहा कि आक्रामक और सकारात्मक खेल शैली से इंग्लैंड को और सफलता हासिल होगी। हालांकि साथ
ही कुछ निराशा भी होगी।
ब्रॉड ने कहा, इंग्लैंड की टीम जिस भावना के साथ मैच को ले रही है उसमें रोमांच भी होगा और साथ ही कुछ
निराशा भी। पिछले सप्ताह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कुछ निराशा देखने को मिली थी।
तेज गेंदबाज ने कहा, हमने गर्मियों की शानदार शुरूआत की थी और हमने न्यूजीलैंड तथा भारत के खिलाफ
लगातार सभी चार टेस्ट जीते थे लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि हम ऐसी स्थिति में थे जहां हम चारों
मैच हार भी सकते थे। हम सकारात्मक सोच और ²ष्टिकोण से ऐसी परिस्थिति से बाहर निकलकर जीतने में
सफल रहे थे। लेकिन पिछले सप्ताह ऐसा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नहीं हो पाया और मुझे लगता है कि हमारी
टीम इस बात पर सवाल उठाएगी कि हम सकारात्मक थे या नहीं।