




विजय कुमार (मेट्रो एडिटर )
नई दिल्ली-18 अगस्त कोविड काल के दौरान रेलवे द्वारा खिलाडियों को रेल यात्रा के दौरान दी जाने वाली छूट को बंद करने को लेकर भारतीय बॉडी बिल्डिंग फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष अरविंद मधोक ने प्रधानमंत्री से गुहार लगाते हुए अनुरोध किया है कि उस योजना को पुन; शुरू किया जाए, जिससे खिलाडियों को दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ मिल सके।
मालूम हो कि राष्टृीय और राज्य स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेने वाली खेल फेडरेशनों और खिलाडियों को रेलवे यात्रा के दौरान 75 प्रतिशत छूट देता था। जिसको कोविड काल के दौरान बंद कर दिया गया था। वहीं कुछ दिन पूर्व रेल मंत्री ने अन्य सुविधांए देने की तो बात की, मगर खिलाडियों को मिलने वाली यात्रा छूट को पुन; बहाल नहीं किया। जिससे खेल जगत के लोगों में काफी नाराजगी भी है।
बॉडी बिल्डिंग फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष अरविंद मधोक ने बताया कि सरकार खेलों इंडिया के नाम पर खेलों को काफी प्रोत्साहन दे रही है,शायद वह खिलाडियों की परेशानी से सबसे बडी परेशानी से वाकिफ नहीं है।
उन्होंने कहा कि किसी भी नेशनल या राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए खिलाडियों और उस खेल की टीमों को एक से दूसरे शहर जाना होता है। यह रात्रा खिलाडी अकसर रेल के माध्यम से करते है। उस दौरान यात्रा करने पर खेल फेडरेशनों को 75 प्रतिशत तक यात्रा में छूट मिलती थी। मगर अब उसको 100 प्रतिशत पैसा देना होगा। जिसका आर्थिक भार खिलाडियों पर पडेगा। ऐसे में खिलाडी प्रतियोगिताओं में जाने से कतराने लगेंगे।
दिल्ली स्वीमिंग एसोसिएशन के सचिव राजकुमार तथा राष्टृीय स्तर के खिलाडी राकेश कुमार, आदि का कहना है, किसी भी परिवार को एक अच्छा और एक राष्टृीय स्तर का खिलाडी तैयार करने के लिए लाखो खर्च करना पडता है। यह सब सबजूनियर व जूनियर स्तर पर की बता है। ऐसे में यात्रा का खर्च भी अगर उक्त स्तर के खिलाडियों व परिवार को लगाना होगा तो उनका खर्च बढेगा तथा खिलाडी गांव से शहर तक नहीं पहुंच सकेगा।
नाम ना छापने की शर्तो पर कई खिलाडियों और अधिकारियों ने बताया कि पदक जीतने पर तो प्रधानमंत्री से लेकर संतरी तक फोटो खिचवाते है। लेकिन जब खिलाडी अपने शुरूआती दौर में तैयारी के लिए धक्के खाता है तो उसको कोई सुविधा नहीं मिलती। ऐसी ही मांग हाल ही में कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला कुश्ती से कांस्य पदक जीतने वाली दिव्या पहलवान ने भी उठाई है कि उसको शुरूआती दौर में मदद नहीं मिली।
उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि वह खेलों के लिए तो बेहतरीन कार्य कर रहें है, अगर वह खिलाडियों को मिलने वाले यात्रा छूट को पुन; बहाल कर देंगे तो देश का पूरा खेल जगत उनका आभारी रहेगा और गरीब व गांव देहात से आने वाले खिलाडियों को भी आर्थिक परेशानी नहीं छेलनी होगी।
मालूम हो कि राष्टृीय और राज्य स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेने वाली खेल फेडरेशनों और खिलाडियों को रेलवे यात्रा के दौरान 75 प्रतिशत छूट देता था। जिसको कोविड काल के दौरान बंद कर दिया गया था। वहीं कुछ दिन पूर्व रेल मंत्री ने अन्य सुविधांए देने की तो बात की, मगर खिलाडियों को मिलने वाली यात्रा छूट को पुन; बहाल नहीं किया। जिससे खेल जगत के लोगों में काफी नाराजगी भी है।
बॉडी बिल्डिंग फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष अरविंद मधोक ने बताया कि सरकार खेलों इंडिया के नाम पर खेलों को काफी प्रोत्साहन दे रही है,शायद वह खिलाडियों की परेशानी से सबसे बडी परेशानी से वाकिफ नहीं है।
उन्होंने कहा कि किसी भी नेशनल या राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए खिलाडियों और उस खेल की टीमों को एक से दूसरे शहर जाना होता है। यह रात्रा खिलाडी अकसर रेल के माध्यम से करते है। उस दौरान यात्रा करने पर खेल फेडरेशनों को 75 प्रतिशत तक यात्रा में छूट मिलती थी। मगर अब उसको 100 प्रतिशत पैसा देना होगा। जिसका आर्थिक भार खिलाडियों पर पडेगा। ऐसे में खिलाडी प्रतियोगिताओं में जाने से कतराने लगेंगे।
दिल्ली स्वीमिंग एसोसिएशन के सचिव राजकुमार तथा राष्टृीय स्तर के खिलाडी राकेश कुमार, आदि का कहना है, किसी भी परिवार को एक अच्छा और एक राष्टृीय स्तर का खिलाडी तैयार करने के लिए लाखो खर्च करना पडता है। यह सब सबजूनियर व जूनियर स्तर पर की बता है। ऐसे में यात्रा का खर्च भी अगर उक्त स्तर के खिलाडियों व परिवार को लगाना होगा तो उनका खर्च बढेगा तथा खिलाडी गांव से शहर तक नहीं पहुंच सकेगा।
नाम ना छापने की शर्तो पर कई खिलाडियों और अधिकारियों ने बताया कि पदक जीतने पर तो प्रधानमंत्री से लेकर संतरी तक फोटो खिचवाते है। लेकिन जब खिलाडी अपने शुरूआती दौर में तैयारी के लिए धक्के खाता है तो उसको कोई सुविधा नहीं मिलती। ऐसी ही मांग हाल ही में कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला कुश्ती से कांस्य पदक जीतने वाली दिव्या पहलवान ने भी उठाई है कि उसको शुरूआती दौर में मदद नहीं मिली।
उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि वह खेलों के लिए तो बेहतरीन कार्य कर रहें है, अगर वह खिलाडियों को मिलने वाले यात्रा छूट को पुन; बहाल कर देंगे तो देश का पूरा खेल जगत उनका आभारी रहेगा और गरीब व गांव देहात से आने वाले खिलाडियों को भी आर्थिक परेशानी नहीं छेलनी होगी।