



विनीत माहेश्वरी (संवाददाता )
इंफाल, 19 अगस्त रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को मणिपुर के मंत्रीपुखरी में असम राइफल्स
(दक्षिण) मुख्यालय का दौरा किया और रेड शील्ड डिवीजन और असम राइफल्स के सैनिकों के साथ बातचीत की।
इस दौरान रक्षा मंत्री को क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए भारत-म्यांमार सीमा पर आतंकवाद विरोधी अभियान
और सीमा प्रबंधन कार्यों के बारे में जानकारी दी गई।
सैन्य कर्मियों को संबोधित करते हुए सिंह ने मणिपुर में सुरक्षा की स्थिति में सुधार और इलाके और मौसम की
चुनौतियों के बावजूद साहस और दृढ़ विश्वास के साथ अपना कर्तव्य निभाने के लिए अधिकारियों और सैनिकों की
सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवानों के बीच खड़ा होना बहुत गर्व की बात
है।
रक्षा मंत्री ने 1971 के युद्ध, श्रीलंका में आईपीकेएफ के हिस्से के रूप में या इसकी वर्तमान भूमिका में रेड शील्ड
डिवीजन के योगदान की सराहना की। उन्होंने पिछले सात दशकों में असम राइफल्स की शानदार भूमिका और
आंतरिक सुरक्षा में उनके अपार योगदान, भारत-म्यांमार सीमा को सुरक्षित रखने और पूर्वोत्तर को राष्ट्रीय मुख्यधारा
में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, यही कारण है कि आपको 'पूर्वोत्तर के लोगों के मित्र'
और 'पूर्वोत्तर का प्रहरी' कहा जाता है।
राजनाथ सिंह ने सैन्य कर्मियों को अडिग समर्पण के माध्यम से राष्ट्रीय ध्वज को ऊंचा रखने का आह्वान करते
हुए कहा कि राष्ट्र तभी पूर्ण क्षमता प्राप्त कर सकता है जब उसकी सीमाएं सुरक्षित हों। रेड शील्ड डिवीजन और
असम राइफल्स के 1,000 से अधिक सैनिकों ने रक्षा मंत्री के साथ बातचीत में भाग लिया। उनके साथ थल
सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, जीओसी-इन-सी पूर्वी कमान लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता और जीओसी स्पीयर
कोर लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी के साथ सेना और असम राइफल्स के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।