प्रियंका कुमारी(संवाददाता)
नई दिल्ली: यूनाइटेड नेशन में भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर उसकी हैसियत याद दिलाई है। भारत ने यूएन में साफ कहा है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा। यूएन में भारत की तरफ से ये बात राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कही। गौरतलब है कि सुधांशु त्रिवेदी की पहचान बीजेपी प्रवक्ता, विचारक, विश्लेषक और राजनीतिक सलाहकार के तौर पर भी होती है।
सुधांशु त्रिवेदी ने क्या कहा?
यूएन में सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ‘मुझे बोलने का मौका देने के लिए चेयर का शुक्रिया। पाकिस्तान द्वारा की गई टिप्पणियों के जवाब में भारत ने आरओआर (राइट ऑफ रिप्लाई) के विकल्प का इस्तेमाल किया है। पाकिस्तान ने एजेंडे को अनावश्यक रूप से भटकाने की कोशिश की है। हम यह बताना चाहते हैं कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।’
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर के लोगों ने हालही में अपने इलेक्टोरल अधिकार का प्रयोग किया और एक नई सरकार का चुनाव किया।’ पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाते हुए सुधांशु ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र के अगस्त फोरम का उपयोग इस प्रकार की गैर-मौलिक और भ्रामक शर्तों का उल्लेख करने में नहीं किया जा सकता है।’
क्या है पूरा मामला?
दरअसल यूएन में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियानों पर चर्चा हो रही थी। इस दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने जब इस मुद्दे पर बात करनी शुरू की तो लोगों को विषय से भटकाने की कोशिश की। इस दौरान पाकिस्तान ने अनावश्यक रूप से उल्लेख किया कि संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के साथ पाकिस्तान की भागीदारी तब शुरू हुई जब संयुक्त राष्ट्र ने 1948 में विवादित क्षेत्र जम्मू कश्मीर में शांति सैनिकों को तैनात किया था।
पाकिस्तान की इसी टिप्पणी पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और फौरन आरओआर (राइट ऑफ रिप्लाई) के विकल्प का इस्तेमाल किया। इस दौरान भारत ने साफ कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा। यह हाल ही में उचित लोकतांत्रिक चुनाव से भी गुजरा है, इसलिए संयुक्त राष्ट्र के अगस्त फोरम का उपयोग इस प्रकार की गैर-मौलिक और भ्रामक शर्तों का उल्लेख करने में नहीं किया जा सकता है।
सुधांशु त्रिवेदी ने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर कहा, ‘यह पीएम मोदी की दृढ़ विदेश नीतियों के कारण संभव हो सका है।’ उन्होंने ये भी बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मंच (UN) पर मजबूत और मुखर भारत के लिए सरकार का नेतृत्व किया।