लक्ष्मी कश्यप (संवाददाता)
विधायक ने सपा सांसद की सदस्यता रद्द कर रासुका में गिरफ्तारी की मांग की
*6 दिन से अनशन के कारण विधायक की बिगड़ी तबियत, अस्पताल में कराए गए भर्ती*
बाबर को दौलत खान लोधी ने बुलाया था-नंदकिशोर गुर्जर:
मंगलवार को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने गाजियाबाद कलेक्टरेट पहुंचकर रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा पर दिए गए आपत्तिजनक बयान के विरोध में सभापति/उपराष्ट्रपति जी के नाम ज्ञापन सौंपते हुए सपा सांसद की सदस्यता रद्द करने की मांग करते हुए विरोध दर्ज कराया। इस दौरान विधायक नंदकिशोर गुर्जर के साथ कवि नगर रामलीला मैदान से हजारों की संख्या में सर्वसमाज के लोग कलेक्टरेट तक मार्च किया और सपा सांसद का पुतला फूंका। इस दौरान राणा सांगा का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान, समाजवादी पार्टी होश में आओ जैसे नारे लगाए गए।
वहीं दूसरी तरफ ज्ञापन सौंपने के बाद विधायक की तबियत अचानक बिगड़ गई और विधायक बेहोश हो गए जिसके बाद विधायक को नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया। बता दें कि भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर 6 दिनों से कलश पर पुलिसिया बर्बरतापूर्ण कार्यवाही के विरोध में अनशन पर है।
ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत करने का प्रयास समाजवादी पार्टी फैला रही है वैमनस्य, रासुका में हो गिरफ्तारी:
यहाँ पढ़े राज्यसभा सभापति/ उपराष्ट्रपति को विधायक का लिखा पत्र:
सादर निवेदन है कि हाल ही में पूर्व सांसद श्री रामजी लाल सुमन द्वारा वीर शिरोमणि महाराणा सांगा के संबंध में अत्यंत आपत्तिजनक एवं तथ्यहीन बयान दिया गया है। क्योंकि बाबर जैसे आक्रांता को दौलत खान लोधी ने बुलाया था। उनका यह बयान न केवल ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत करने का प्रयास है, बल्कि समाज में अशांति और वैमनस्य फैलाने वाला भी है इसलिए रासुका के तरहत मुकदमा दर्ज होने चाहिए। विधायक ने कहा सपा सांसद को ज्ञात होने चाहिए कि राणा सांगा ने पहला युध्द दलितों को दास बनाकर ले जा रहे मुगलों के खिलाफ लड़ा था।
विधायक ने ऐतिहासिक तथ्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि महाराणा सांगा मेवाड़ के महान योद्धा और हिंदू गौरव के प्रतीक थे, जिन्होंने विदेशी आक्रमणकारियों के विरुद्ध अद्वितीय वीरता का प्रदर्शन किया। बाबर के खिलाफ खानवा के युद्ध में हिंदू एकता को संगठित करने का कार्य किया। उन्होंने अपने जीवन में कई युद्ध लड़े और कई घाव सहने के बावजूद मातृभूमि की रक्षा हेतु समर्पित रहे। समाजवादी सांसद द्वारा दिया गया बयान न केवल ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत है, बल्कि यह हिन्दू समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला भी है। उनके इस कृत्य से देश के महापुरुषों की छवि धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया गया है, जो किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। इसलिए समाजवादी सांसद रामजी लाल सुमन सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द की जाए और रासुका के तहत गिरफ्तारी की जाए।