जयपुर: विधानसभा के बाहर कांग्रेस विधायकों का धरना, विधानसभा के बाहर मार्शल ने फोर्स तैनात की

Congress Protest

लक्ष्मी कश्यप (संवाददाता)

राजस्थान विधानसभा में इंदिरा गांधी पर हुई टिप्पणी को लेकर हंगामा जारी है। सोमवार (27 फरवरी) के दिन भी राजस्थान कांग्रेस के विधायक विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए। इन विधायकों को सदन से निलंबित किया जा चुका है और वह सदन के अंदर नहीं जा सकते हैं। इन विधायकों को सदन के अंदर जाने से रोकने के लिए विधानसभा के बाहर मार्शल ने फोर्स तैनात की है। कांग्रेस विधायकों का कहना था कि अगर उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया तो वह विधानसभा के बाहर धरना देंगे और अब वह ऐसा ही कर रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दल कांग्रेस के बीच गतिरोध को लेकर बुधवार को जुबानी जंग तेज हो गई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पूरे प्रकरण में राजनीति कर रही है। वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार ने सदन में गतिरोध केवल इसलिए बना रखा है क्योंकि मंत्रियों का कार्य प्रदर्शन खराब है और वे सदन में विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे हैं।

अविनाश गहलोत की टिप्पणी पर बवाल

मंत्री अविनाश गहलोत ने शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास संबंधी एक प्रश्न का उत्तर देते समय विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा था, ‘‘2023-24 के बजट में भी आपने हर बार की तरह अपनी ‘दादी’ इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा था।’’ इस टिप्पणी के कारण सदन में भारी हंगामा हुआ था और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। हंगामे के कारण प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, रामकेश मीणा, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन, हाकम अली और संजय कुमार सहित छह कांग्रेस विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया था।

कांग्रेस विधायकों ने मंत्री से माफी मांगने और निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए विधानसभा में धरना दिया था। बाद में विपक्षी कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया था। राठौड़ ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि कांग्रेस विधानसभा में हर दिन नया विवाद खड़ा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सदन में बजट प्रस्तुत होने के बाद कांग्रेस सदस्यों ने खासकर डोटासरा ने जो माहौल बनाया, उससे लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। राठौड़ ने विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पूरे प्रकरण में राजनीति कर रही है।

डोटासरा पर लगाए आरोप

भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचन्द बैरवा और कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा भी मौजूद रहे। उन्होंने दावा किया कि डोटासरा नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को भी बोलने का मौका नहीं देते हैं। वहीं, जूली ने एक बयान में कहा कि उन्हें अंदेशा है कि सरकार इसी गतिरोध में बजट सत्र समाप्त करना चाहती है ताकि कोई चर्चा ना हो और सरकार की पोल जनता के सामने ना खुले। जूली ने कहा कि गलत तथ्य बताए जा रहे है कि विपक्ष नहीं चाहता कि वार्ता हो जबकि वास्तविकता यह है कि विपक्ष से किसी ने बातचीत के लिए सम्पर्क नहीं किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष भी वार्ता कर सदन का गतिरोध दूर करना चाहता है ताकि आम जनता के मुद्दों पर चर्चा की जा सके।

जूली ने सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस नेता ने कहा कि जो आंकड़ों का खेल सरकार ने बजट में प्रस्तुत किया है उसकी सच्चाई विपक्ष सदन को बताना चाहता है, इसी बात से घबरा कर सरकार गतिरोध जारी रखना चाहती है। जूली ने कहा कि सदन में ऐसा नहीं होता कि मंत्री मनमर्जी से कुछ भी बोल दे और उनकी टिप्पणी को कार्यवाही से हटवाने की मांग की जाए तो विपक्ष के सदस्यों का निलंबन कर दिया जाए। डोटासरा ने कहा कि सदन में उनके विरूद्ध असम्मानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया और यहां तक टिप्पणी की गई कि वह सदन में आने लायक नहीं है जबकि वह विधानसभा में चौथी बार जनता के वोट से चुनकर आए हैं। डोटासरा ने कहा कि वह विधानसभा अध्यक्ष का सम्मान करते है, अगर किसी बात से ठेस पहुंची है तो उन्हें खेद प्रकट करने में आपत्ति नहीं है। हालांकि उन्होंने मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के विरूद्ध की गई टिप्पणी सदन के रिकॉर्ड पर मौजूद होने को लेकर सवाल उठाया। 

 

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