Explainer: कोयले से लेकर हीरा तक, यूं ही उद्योगपतियों की पसंद नहीं बना मध्य प्रदेश

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लक्ष्मी कश्यप (संवाददाता)

Invest Madhya Pradesh:

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2025 का उद्घाटन किया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश सरकार की 18 नई नीतियों का अनावरण किया, जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करना है। पीएम मोदी ने ग्लोबल समिट का उद्घाटन करने के बाद कहा, ” भारत के इतिहास में ऐसा मौका पहली बार आया है जब पूरी दुनिया भारत के लिए इतनी ऑप्टिमिस्टिक है। पूरी दुनिया में.. चाहे सामान्य जन हों, नीति के एक्सपर्ट् हों, विभिन्न देश हों या फिर इंस्टीट्यूशनंस हों.. सभी को भारत से बहुत आशाएं हैं।

मध्य प्रदेश में 1.10 करोड़ रुपये का निवेश करेगा अडाणी ग्रुप

इस बड़े कार्यक्रम में देश और दुनिया के कई बड़े उद्योगपति शामिल हुए हैं। अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी से लेकर अवाडा ग्रुप के चेयरमैन विनीत मित्तल मध्य प्रदेश में बड़ा निवेश करने जा रहे हैं। गौतम अडाणी ने मध्य प्रदेश में 1.10 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का ऐलान किया तो विनीत मित्तल ने भी राज्य में 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की। यहां हम जानेंगे कि मध्य प्रदेश में ऐसा क्या है कि देश-दुनिया के निवेशक यहां निवेश करने के लिए इतने उत्साहित नजर आ रहे हैं।

प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है मध्य प्रदेश

प्राकृतिक संसाधनों के मामले में मध्य प्रदेश एक समृद्ध राज्य है। यहां की धरती सिर्फ अनाज नहीं, बल्कि कोयले से लेकर हीरा तक उगलती है। मध्य प्रदेश में कोयले के बड़े भंडार हैं। इसके अलावा, राज्य में लौह अयस्क, मैंगनीज अयस्क, बॉक्साइट, चूना पत्थर, डोलोमाइट, तांबा, फायरक्ले और काओलिन (चीनी मिट्टी) का भी जबरदस्त भंडार हैं। राज्य के पूर्वोत्तर में स्थित पन्ना में हीरे के भंडार हैं।

राज्य में हाइड्रोइलेक्ट्रिक क्षमता की अच्छी-खासी मात्रा है और पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर कई हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट डेवलप किए गए हैं। मध्य प्रदेश अपनी बिजली का एक हिस्सा राज्य के कई थर्मल स्टेशनों से भी प्राप्त करता है। इनमें से ज्यादातर थर्मल प्लांट कोयले से चलने वाले हैं।

पेपर, सीमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स के बड़े कारोबार

उद्योग की बाच करें तो मध्य प्रदेश तेजी से विकास कर रहा है। यहां कई बड़े और मध्यम स्तर की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट है, जिनमें इंदौर, ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर सबसे अहम हैं। इन शहरों में इंडस्ट्रियल एस्टेट स्थापित किए गए हैं। यहां पेपर मिल, सीमेंट प्रोडक्शन और बिजली के भारी सामान, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स और ऑप्टिकल फाइबर का निर्माण भी शामिल है। इनके अलावा, राज्य में चीनी, कपड़ा (कपास, ऊन, रेशम और जूट), लकड़ी, आटा और कई फसलों के बीज और वनस्पति तेलों के उत्पादन भी होता है। मध्य प्रदेश के अन्य उत्पादों में फर्टिलाइजर, सिंथेटिक फाइबर और कई तरह के केमिकल भी शामिल हैं।

लघु उद्योग भी कर रहा शानदार विकास

मध्य प्रदेश के लघु उद्योगों में हथकरघा उद्योग शानदार तरीके से फल-फूल रहा है, जिसमें चंदेरी साड़ियां, भोपाल में सोने और चांदी के धागे की कढ़ाई और ग्वालियर में बुने हुए कालीन सबसे अहम और खास हैं। इतना ही नहीं, ग्वालियर के कुशल कारीगर मिट्टी के बर्तन और अन्य चीजें बनाने में महारत रखते हैं। इनके अलावा, राज्य के जबलपुर और सागर बीड़ी के निर्माण के लिए जाने जाते हैं।

आस्था और टूरिज्म के नजरिए से भी काफी अहम है मध्य प्रदेश

आस्था और टूरिज्म के नजरिए से भी ये देश का एक अहम राज्य है। उज्जैन का महाकाल मंदिर और खंडवा का ओंकारेश्वर मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल हैं। मध्य प्रदेश में कई नदियों का वास है। नर्मदा नदी और चंबल नदी, यहां की सबसे प्रमुख नदियां हैं। इनके अलावा, सोन नदी और तापी नदी का भी एक बड़ा हिस्सा राज्य से होकर गुजरता है। मध्य प्रदेश का इंदौर शहर, भारत का सबसे साफ-सुथरा शहर है और इसके लिए शहर को कई बार पुरस्कृत भी किया जा चुका है।

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