माघ पूर्णिमा के दिन महाकुंभ में किस विधि से करना चाहिए स्नान? यहां जानें सही नियम

लक्ष्मी कश्यप (संवाददाता)

बसंत पंचमी के बाद माघ पूर्णिमा को महाकुंभ का अगला बड़ा स्नान होना है, ऐसे में यह स्नान भी अब निकट आ चुका है, माघ पूर्णिमा 12 फरवरी को मनाई जाएगी। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप लेकर इस संसार क भयंकर प्रलय से बचाया था। इसके अलावा मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन ही कलयुग की शुरुआत हुई थी। ऐसे में इस दिन का खास महत्व है। आइए जानते हैं कि इस दिन कैसे करना चाहिए महाकुंभ में स्नान…

व्रत और स्नान-दान से लाभ

माघी पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त के समय स्नान करना बेहद शुभ माना गया है। इसके अलावा, स्नान करने पर भक्तों को मध्यम फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, मान्यता है कि इस दिन स्नान करने मात्र से ही  मनुष्यों के सारे पर पाप धुल जाते हैं और उसे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कैसे करना चाहिए स्नान?

सबसे पहले इस दिन श्रद्धालुओं को गंगा या अन्य पवित्र नदियों में पैर रखने से पहले उनके नाम का मंत्र पढ़ना चाहिए, जैसे आप संगम में स्नान करने जा रहे हैं तो बोले ‘‘त्रिवेण्ये नमः’’। इसके बाद ऊं का जप करते हुए जल में प्रवेश करें और नीचे दिए गए मंत्र पढ़ें और स्नान करें…

ओम् नमो देव देवाय शिव कण्ठाय दण्डिने। रूद्राय चाप हस्ताय चक्रिणे वेधसे नमः।।

गंगा यमुना सरस्वती च सावित्री गरीयसि।। संनिधानी मवन्त्वत्र तीर्थे पाप प्रणाशिनि।।
सर्वेषां तीर्थानां मंत्र एष उदाह्यतः।।

ये करें दान

स्नान करने के बाद गंगा, सूर्य और भगवान विष्णु को जल अर्पित करें, इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें और अपने सामर्थ्य अनुसार ब्राह्मणों को भोजन, वस्त्र, तिल, गुड़, घी, लड्डू, फल, सोना-चांदी आदि का दान करें। याद रहे कि इस दिन आपको पूरे दिन व्रत का पालन करना है साथ ही भगवान का भजन करना है। अगर आपने इतना कर लिया तो फिर आप पर भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और मां गंगा कृपा बरसाएंगे।

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