PMAY-U 2.0: होम लोन पर 4% सब्सिडी दे रही मोदी सरकार, लेकिन ये है शर्त, जानें कितनी होनी चाहिए इनकम

पीएमएवाई-यू 2.0 स्कीम 1 सितंबर 2024 से अगले पांच साल तक लागू है।

प्रियंका कुमारी(संवाददाता)

अगर आपने 1 सितंबर 2024 के बाद मकान खरीदने, रीसेल में खरीदने या घर बनाने के लिए होम लोन लिया है तो आप इस लोन पर 4 प्रतिशत की शानदार सब्सिडी भारत सरकार की तरफ से पा सकते हैं। यह योजना अगले पांच साल के लिए है। दरअसल, सरकार ने बीते साल ही प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 (पीएमएवाई-यू 2.0) स्कीम को लॉन्च किया है। इस स्कीम का मकसद सभी के लिए आवास’ के दृष्टिकोण के साथ देश भर के सभी पात्र शहरी परिवारों को हर मौसम के अनुकूल पक्के मकान उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में रहने वाले ईडब्ल्यूएस/एलआईजी/एमआईजी कैटेगरी के परिवार, जिनके पास देश में कहीं भी पक्का मकान नहीं है, वे पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत मकान खरीदने या निर्माण करने के पात्र हैं।

कितने इनकम वालों की मिलेगी सब्सिडी

इस योजना के तहत सिर्फ ईडब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी के पात्र लाभार्थियों को ही सब्सिडी मिलती है। ईडब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी कैटेगरी से संबंधित परिवार जिनकी सालाना आय क्रमशः ₹3 लाख, ₹6 लाख और ₹9 लाख तक है, वे इस योजना का लाभ उठाने के पात्र हैं। इस स्कीम के तहत डब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी के रूप में पहचान के लिए, एक व्यक्तिगत ऋण आवेदक आय का प्रमाण देना होता है। 3 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले ईडब्ल्यूएस कैटेगरी से संबंधित व्यक्तिगत पात्र परिवारों को अपनी उपलब्ध भूमि पर 45 वर्ग मीटर तक के नए पक्के मकान बनाने के लिए 2.5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है।

कौन नहीं होगा स्कीम के लिए पात्र

लाभार्थी पीएमएवाई-यू 2.0 योजना के किसी भी वर्टिकल के तहत लाभ पाने के लिए पात्र होगा। जिस लाभार्थी को पिछले 20 सालों में शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्र सरकार, राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार और स्थानीय स्वशासन की किसी भी आवास योजना के तहत घर अलॉट किया गया है, वह लाभ पाने के लिए पात्र नहीं होगा। साथ ही पीएमएवाई-यू के तहत स्वीकृत ऐसे मकान, जिन्हें राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की सिफारिश पर किसी कारणवश 31.12.2023 के बाद केंद्रीय मंजूरी एवं निगरानी समिति (सीएसएमसी) द्वारा कम कर दिया गया है, उन लाभार्थियों को पीएमएवाई-यू 2.0 में स्वीकृत नहीं किए जाएंगे।

योजना के 4 कंपोनेंट

प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी का कार्यान्वयन चार कम्पोनेंट के जरिये होता है। इनमें लाभार्थी आधारित निर्माण, भागीदारी में किफायती आवास, किफायती किराये के आवास और ब्याज सब्सिडी योजना हैं। इनमें से एक का चयन करना होगा। पात्र लाभार्थियों को पांच सालाना किस्तों में ₹1.80 लाख तक की केंद्रीय सहायता दी जाती है। ₹35 लाख तक की कीमत वाले मकान के लिए ₹25 लाख तक का होम लोन लेते हैं तो लाभार्थी को 12 वर्ष की अवधि तक के पहले 8 लाख रुपये के लोन पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी के पात्र होंगे।

भागीदारी में किफायती आवास वर्टिकल ईडब्ल्यूएस लाभार्थियों को पक्का घर खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। इस वर्टिकल के तहत 30-45 वर्गमीटर कारपेट एरिया वाले किफायती घरों का निर्माण सार्वजनिक/निजी एजेंसियों द्वारा किया जाएगा और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के पात्र लाभार्थियों को आवंटन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। एएचपी परियोजनाओं में ईडब्ल्यूएस लाभार्थी को संपत्ति के खरीद मूल्य पर प्रत्येक ईडब्ल्यूएस (वार्षिक आय 3 लाख रुपये तक) फ्लैट के लिए 2.5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता केंद्रीय और राज्य एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से प्रदान की जाती है।

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