प्रियंका कुमारी (संवाददाता)
हिंदी सिनेमा के स्वर्णिम दौर में नई कहानी आंदोलन के पुरोधा लोगों तक कहानियों पहुंचाने में लगे थे तो एक लड़का हीरो बनने मुंबई की धरती पर ट्रेन से उतरा था। मध्य प्रदेश के छोटे से शहर इंदौर से निकला ये अल्हड़, जवान और हैंडसम लड़का बंबई में हीरो बनने आया था। पिता पुलिस में बड़े अधिकारी थे तो रौब विरासत में मिला। इस लड़के ने हीरो बनने का रास्ता चुना और बुरी तरह निराश होना पड़ा। लेकिन इस लड़के के सपने बड़े और हौसलों में फलक चूमती उड़ान थी। हीरो न बन पाने का कोई पछतावा तो नहीं हुआ लेकिन फिर कला कलम से फूट पड़ी। फिर बॉलीवुड में इसी लड़के ने अपनी कलम से ऐसा इतिहास लिखा कि आज इनका नाम किसी सुपरस्टार्स से कम नहीं है।कभी बॉलीवुड की जान कहे जाने वाला ये लड़का कोई और नहीं बल्कि सलीम खान है। सलीम खान ने अपने दोस्त जावेद अख्तर के साथ मिलकर अपनी कलम से ऐसा कोहराम मचाया था कि बॉक्स ऑफिस पर नोटों की बारिश होने लगती थी। सलीम खान आज अपना 89वां जन्मदिन मना रहे हैं। उम्र के इस पड़ाव पर भी सलीम खान की आवाज से आज भी अनुभव और मेहनत का रस टपकता है। सलीम खान के जन्मदिन पर बॉलीवुड सितारों समेत तमाम फैन्स ने सोशल मीडिया के जरिए उन्हें बधाई दी है। इस मौके पर हम जानते हैं सलीम खान की सिनेमाई यात्रा, जो इंदौर से 1950 के दशक में शुरू हुई थी।
इंदौर से निकलकर किया बॉलीवुड पर राज
आज ही के दिन 1935 को इंदौर में एक पुलिस अधिकारी के घर में छोटा बेटा पैदा हुआ। नाम रखा गया सलीम खान। देखने में सुंदर, गोरा बदन, खरी आवाज और जहीन दिमाग वाला ये बच्चा अपने 14 साल की उम्र में ही अपने पिता को खो देता है। पिता के चले जाने के बाद नौकरी बड़े भाई को मिलती है और जिम्मेदारी भी। सलीम खान हुए रंगीन मिजाज के निकले। अपने दोस्तों के लिए सुंदर लिखावट और शायराना अंदाज में खत लिखते। सलीम खान के कई दोस्त अपनी प्रेमिकाओं के लिए उनसे ही खत लिखवाया करते थे। इसका एक कारण ये था कि सलीम खान को पढ़ना काफी पसंद था और कहानियों के दीवाने थे। शेर-शायरी वाली कला भी सलीम खान जवानी के दिनों से ही जानने लगे थे। थोड़े बड़े हुए तो हीरो बनने के लिए मुंबई आ गए। सलीम खान ने यहां स्ट्रगल शुरू की और 1957 में रिलीज हुई फिल्म ‘अल्लादीन लैला’ के जरिए अभिनय की दुनिया में कदम रख दिया। करीब 17 फिल्में करने के बाद सलीम खान को खुद ही अहसास हुआ कि वो हीरो नहीं बनना चाहते। सलीम खान ने बतौर राइटर फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का फैसला लिया। इसी समय सलीम खान की दोस्ती हुई जावेद अख्तर से। सलीम खान और जावेद अख्तर ने जोड़ी बनाई और फिल्मों की कहानी लिखना शुरू कर दी।
शुरुआती फिल्मों ने ही दिला दी सफलता
साल 1969 में आई फिल्म ‘दो भाई’, 1971 में आई ‘अधिकार’ और ‘अंदाज’ जैसी फिल्मों के जरिए नाम कमाया। फिर 1971 में ही राजेश खन्ना स्टारर फिल्म ‘हाथी मेरे साथी’रिलीज हुई। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर दिया। साथ ही साल की सबसे बड़ी सुपरहिट फिल्म साबित हुई। इसी फिल्म ने सलीम खान और उनके दोस्त जावेद अख्तर की जोड़ी को हिट करा दिया। इसके बाद सलीम खान ने जावेद अख्तर के साथ मिलकर बॉलीवुड में कई सुपरहिट फिल्मों की कहानी लिखी। इतना ही नहीं अमिताभ बच्चन को सुपरस्टार बनाने वाली फिल्म ‘जंजीर’ भी सलीम खान ने अपने दोस्त जावेद के साथ मिलकर लिखी थी। 70 और 80 के दशक में एक दौर ऐसा भी आया था जब सुपरस्टार्स से ज्यादा वैल्यू सलीम खान और उनके दोस्त जावेद अख्तर की जोड़ी को दी जाती थी।सलीम खान ने अपने करियर में 56 से ज्यादा फिल्मों की कहानी लिखी। सलीम खान के बेटे सलमान खान ने 80 के दशक में अपने करियर की शुरुआत की। 90 के दशक की शुरुआत में ही सलमान खान सुपरस्टार बन गए। आज सलीम खान को फिल्मी दुनिया का हर व्यक्ति न केवल जानता है, बल्कि उनका सम्मान भी करता है। सलीम खान आज बॉलीवुड के सबसे लेजेंड्स कलाकारों में गिने जाते हैं। सलीम खान के जन्मदिन के मौके पर फैन्स समेत फिल्मी सितारों ने सोशल मीडिया के जरिए उन्हें बधाई भेजी है।