संसद का शीतकालीन सत्र: पीएम मोदी बोले- मुट्ठी भर लोगों की हुड़दंगबाजी से सदन को कंट्रोल करने की कोशिश

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।- India TV Hindi

लक्ष्मी कश्यप (संवाददाता)

संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। सत्र के शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने संसद परिसर से देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है, देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में भी लगा हुआ है। संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है।

मुट्ठी भर लोगों की हुड़दंगबाजी- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने संसद में स्वस्थ चर्चा का आह्वान किया। पीएम मोदी ने आगे कहा कि दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए, जिन्हें जनता ने अस्वीकार किया है वे संसद को भी मुट्ठी भर लोगों की हुड़दंगबाजी से कंट्रोल करने का प्रयास कर रहे हैं। उनका अपना मकसद तो संसद की गतिविधि को रोकने से सफल होता नहीं। लेकिन उनकी ऐसी हरकतें देखकर जनता उन्हें नकार देती है। पीएम मोदी ने कहा कि इन लोगों को 80-90 बार जनता नकार चुकी है।

ये लोकतंत्र का सम्मान नहीं करते- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे हुड़दंगियों को जनता सजा देती है। इन्हें जनता देख रही है। ऐसे लोग लोकतंत्र का सम्मान नहीं करते। कुछ लोग न काम करते हैं न करने देते हैं। विपक्ष जनता जनार्दन की भावना का सम्मान करे। विपक्ष को जनता की उम्मीदों पर खड़ा उतरना होगा। कुछ विपक्षी सांसद अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते हैं। उन्हें जनता की आकांक्षाओं की परवाह नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भारत की ओर उम्मीदों से देख रही है। आशा करता हूं की चर्चा कुछ सार्थक नतीजे मिलेंगे।

दुनिया को संदेश जाना चाहिए- पीएम मोदी

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले PM मोदी ने कहा कि मैं बार बार विपक्ष से आग्रह करता हूँ। कुछ विपक्ष की आग्रह करता हूँ जिनको जनता ने नकारा दिया वे अवरोध पैदा करते है। मैं आशा करता हूँ कि नए लोगों जिनके पास नए विचार और ऊर्जा है। विश्व भारत की ओर देख रहा है। विश्व में भारत को ऐसे अवसर कम मिलते हैं जो आज मिला है। विश्व को संदेश जाना चाहिए। हम जितना समय गवां चुके है उसका पश्चाताप करे। मैं आशा करता हूँ कि यह सत्र बहुत ही परिणामकारी हो। वैश्विक गरिमा को बल देने वाला और नए सांसदों को बल देने वाला हो।

 

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