प्रियंका कुमारी (संवाददाता)
बागपत: बाजार में जब भी पानी की बोतल खरीदने की बात आती है तो लोग बिसलेरी (Bisleri) की बोतल की अक्सर मांग करते हैं क्योंकि ये एक पुरानी और विश्वसनीय नाम है। लेकिन बाजार में बिसलेरी से मिलते जुलते नाम से कई लोग पानी की बोतलें बेच रहे हैं। ग्राहक भी अनजाने में इन नकली बोतलों को खरीद लेते हैं और कई बार अपनी सेहत खराब कर लेते हैं। ये मामला तब चर्चा में आया है, जब यूपी के बागपत के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने इन नकली पानी की बोतलों पर बुलडोजर चलाने का आदेश दिया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बागपत के डीएम को जब प्यास लगी तो उन्हें बिसलेरी के नाम पर एक ऐसी पानी की बोतल परोसी गई, जिसका नाम बिसलेरी से मिलता जुलता था। लेकिन जब डीएम ने ध्यान दिया तो पाया कि इस नकली बोतल में बिसलेरी की स्पेलिंग कुछ और लिखी थी और बोतल पर लाइसेंस का मार्क भी नहीं था। इसके बाद डीएम भड़क गए और इस नकली पानी की बोतल पर बुलडोजर चलवा दिया।
बागपत के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह और एसपी अर्पित विजयवर्गीय बागपत के निवाडा चेक पोस्ट पर चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान जब वह निवाड़ा पुलिस चौकी पर जाकर रुके और डीएम साहब को पानी की प्यास लगी तो पुलिसकर्मी भी बिसलेरी की बोतल समझकर बाजार से नकली बिलसेरी नाम की बोतल ले आए।
जैसे ही डीएम की नजर टेबल पर रखी नकली पानी की बोतल पर पड़ी तो वह नाराज हो गए और पूछा कि ये नकली बोतल कहां से आई है। इसी दौरान खाद्य विभाग की टीम को मौके पर बुलाया गया। डीएम के निर्देश पर फौरन बिसलेरी की जगह बिलसेरी बोतल की सप्लाई करने वाले सप्लायर के यहां गोदाम पर छापा मारा गया। जिसके पास से फेक ब्रांड की करीब 2663 पानी की बोतलें बरामद हुईं। डीएम के निर्देश पर बुलडोजर चलाकर इन्हें तुरंत नष्ट किया गया।
क्या है असली और नकली बोतल का मामला?
दरअसल इन नकली पानी की बोतलों पर बिसलेरी की जगह पर बलासरी लिखा हुआ होता है, जो दिखने में बिल्कुल बिसलेरी की पानी की बोतल की तरह लगती हैं। दुकानदार भी ज्यादा मुनाफे के चक्कर में इन बोतलों को बिक्री के लिए रखते हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, बिसलेरी की बोतलें 140 रुपए की दर्जन आती हैं और बाजार में 20 रुपए की बेची जाती है, जबकि मिलते-जुलते नाम की नकली बोतलें 90 रुपए की दर्जन आती हैं, इन्हें भी 20 रुपए में बेचा जाता है। ग्राहक भी मिलते जुलते नाम पर ध्यान ना दे पाने की वजह से इन बोतलों को खरीद लेता है, जिसका असर उसके स्वास्थ्य पर पड़ता है।
ये छापा बागपत के गौरीपुर जवाहर नगर गांव के रहने वाले भीम सिंह के गोदाम पर पड़ा था। गोदाम का लाइसेंस व बिल न होने के कारण उसे तत्काल प्रभाव से बिक्री पर रोक लगाने व गोदाम को बंद करने के निर्देश दे दिए गए हैं। भीम सिंह ने पूछताछ में बताया कि ये पानी की बोतलें उसे कोई हरियाणा से लाकर देता है और फिर वह आगे दुकानदारों को बागपत, बड़ौत व आसपास क्षेत्र में सप्लाई कर देता है।