लक्ष्मी कश्यप (संवाददाता)
एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी को गोली मारने वाले मुख्य आरोपी शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा को मुंबई क्राइम ब्रांच ने यूपी एसटीएफ की मदद से गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी रविवार को बहराइच जिले के नानपारा से हुई है, जहां आरोपी अपना नाम बदलकर छिपा हुआ था। बाबा सिद्दीकी हत्या के मामले में शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा, अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव और अखिलेंद्र प्रताप सिंह शामिल हैं। इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि शूटआउट के दिन गिरफ्तार आरोपी धर्मराज कश्यप का भाई अनुराग कश्यप है। चारों आरोपियों ने शिव कुमार को छिपाने में मदद की। उसे नेपाल भगाने की फिराक में थे, लेकिन पकड़े गए। मुंबई क्राइम ब्रांच ने यूपी एसटीएफ की मदद से आरोपी को पकड़ने में सफलता पाई। अब तक इस मामले में 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद से आरोपी शिवकुमार गौतम फरार था, जबकि धर्मराज कश्यप और गुरमेल सिंह को घटना के कुछ समय बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया था कि धर्मराज कश्यप और शिवकुमार एक ही गांव के रहने वाले हैं। दोनों आरोपियों से पूछताछ में यह भी सामने आया कि लॉरेंस बिश्नोई के निर्देश पर हत्या की साजिश रची गई थी। मुंबई पुलिस की टीम ने यह भी बताया था कि लगभग 20 से 25 दिनों तक बाबा सिद्दीकी के घर की रेकी की गई।
नेटवर्क का खुलासा
पुलिस की जांच में पता लगा कि इस पूरे मामले में पुणे से जुड़े हुए दो लोग भी शामिल हैं और उन्होंने आरोपियों की काफी ज्यादा मदद की, जिसमें प्रवीण लोनकर और शुभम लोनकर का नाम निकलकर सामने आया। पुलिस ने बताया कि शुभम और प्रवीण कॉर्डिनेशन, फाइनेंस और लोजिस्टिक (हथियार) को लेकर मदद कर रहे थे। इसी सिलसिले में हरि कुमार बालक राम नाम का भी एक आरोपी गिरफ्तार हुआ।
गिरफ्तारी का सिलसिला
इस पूरे प्रकरण में पुलिस ने प्रवीण लोनकर को तो गिरफ्तार कर लिया, लेकिन शुभम अभी भी फरार है। इस हत्या में जीशान अख्तर नाम के एक शख्स का भी नाम सामने आया, जिसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस दौरान पुलिस ने मुंबई से सटे अलग-अलग इलाकों से 5 और आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिसने नितिन गौतम सप्रे (32), डोंबिवली, संभाजी किशन पारबी (44) अंबरनाथ, राम फूलचंद कन्नौजिया (43) पनवेल, प्रदीप तोंबर (37) अंबरनाथ, और चेतन दिलीप पारधी (33) अंबरनाथ शामिल थे। तब पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नितिन और राम कनौजिया इन सभी आरोपियों के मुखिया था। इसी मॉड्यूल ने गोली चलाने वाले आरोपियों को हथियार पहुंचाया था। पुलिस की तरफ से ऐसा बताया गया है कि दोनों शूटर धर्मराज कश्यप और शिवकुमार के साथ भी टच में थे। कर्जत में आरोपियों के साथ में दो महीने तक रहे भी थे। इन्होंने आरोपियों को पैसे और लोकल मदद भी मुहैया कराई थी।
इस बीच, मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच ने 10वें आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान भागवत सिंह के रूप में हुई है और वह 32 साल का है। भागवत की गिरफ्तारी नवी मुंबई के बेलापुर से हुई है। वह राजस्थान के उदयपुर का रहने वाला है। सूत्रों के मुताबिक, भागवत सिंह हमले के दिन तक मुंबई के बीकेसी इलाके में रह रहा था। जांच के दौरान यह सामने आया कि भागवत सिंह ने ही शूटरों को हथियार उपलब्ध कराए थे।
पुलिस जांच के दौरान 11वें आरोपी को हरियाणा से गिरफ्तार किया गया। आरोपी की पहचान अमित हिसामसिंह कुमार (29) के रूप में हुई। मुंबई क्राइम ब्रांच ने बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में कई खुलासे किए हैं। गिरफ्तार जिन हथियारों का इस्तेमाल बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए किया गया, उसको उदयपुर से मुंबई लेकर आया गया था। पुलिस ने बताया हथियार लेने और देने वाले दोनों एक दूसरे से अनजान थे। क्राइम ब्रांच के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में उदयपुर में हथियार लेने गए आरोपी राम कन्नौजिया और भगवंत सिंह को जिस शख्स से हथियार लेना था, उसके बारे में दोनों को कोई जानकारी नहीं दी गई थी।
इस बीच, पुलिस तीन और आरोपियों को महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार किया। इनमें रूपेश राजेंद्र मोहोल (22) शिवणे, करण राहुल साल्वे (19) उत्तम नगर और शिवम अरविंद कोहाड़ (20 साल) उत्तम नगर है। इस पूरे ऑपरेशन के बीच, पुलिस ने लुधियाना से सुजीत कुमार नाम के 15वें आरोपी को गिरफ्तार किया। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के मुताबिक, सुजीत ने मास्टरमाइंड जीशान अख्तर और शूटरों को हथियार आपूर्ति करने के लिए बिचौलिए की भूमिका निभाई थी। जांच के दौरान 16वें आरोपी को पुणे के करवे नगर से गिरफ्तार किया गया, जिसका नाम गौरव विलास अपुने बताया गया। फिर पुलिस की टीम ने दो और आरोपियों को पुणे से गिरफ्तार किया, जिसका नाम आदित्य राजू और रफीक शेख था। और आखिरकार पुलिस ने बहराइच से शिवकुमार गौतम को गिरफ्तार किया। साथ ही दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। फिलहाल अब तक पुलिस ने इस पूरे मामले में 21 गिरफ्तारियां कर ली है।
हत्या की योजना और ‘प्लान बी’
पुलिस जांच के दौरान बाबा सिद्दीकी हत्याकांड मामले में एक प्लान B का भी खुलासा हुआ था। जानकारी के अनुसार, बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए दो प्लान बनाए गए थे। प्लान A फेल होने पर प्लान B के तहत बाबा सिद्दीकी की हत्या की जानी थी। प्लान B के तहत 6 और शूटर्स को हायर किया गया था। बाबा सिद्दीकी हत्या मामले के तीन आरोपी गौरव अपुने, रूपेश मोहोल और शुभम लोनकर प्लान B के तहत गोली चलाने की प्रैक्टिस के लिए झारखंड गए थे। क्राइम ब्रांच की जांच में ये सामने आया है कि इन आरोपियों को किसी ने AK-47 दी थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान गौरव ने बताया कि वे झारखंड के नक्सल ग्रस्त इलाके में गए थे, जहां उन्हें AK-47 बंडुग दी थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जिस जगह इन आरोपियों ने गोली चलाने की प्रैक्टिस की थी, यह ऐसा इलाका है जो नक्सल प्रभावित है।