लक्ष्मी कश्यप (संवाददाता)
मुस्कुराइए नहीं! घबराइए क्योंकि आप दिल्ली-NCR में हैं। यहां बस धूल-धुंआ है और स्मॉग की चादर बिछी है। शहर अब शहर नहीं, जहरीला गैस चैंबर बन चुका है। लोग हर पल दहशत के साए में जी रहे हैं। दिल्ली में सुबह-सुबह कुछ ऐसा ही मंजर दिखेगा और इस कंडीशन में जब आप बाहर निकलेंगे, तो सांस लेना आसान नहीं होगा। आंखों में जलन, सूखी खांसी, तेज धड़कन, स्किन रैशेज और एक अजीब चिड़चिड़ापन महसूस होने लगेगा। हालात इतने बुरे हैं कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को भी फैमिली डॉक्टर की सलाह पर मॉर्निंग वॉक रोकनी पड़ी। AIIMS के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया के मुताबिक तो पॉल्यूशन इस समय, कोरोना से भी बड़ी हेल्थ इमरजेंसी है। उनका कहना है कि कोविड से जितने लोग मरे, उससे ज्यादा तो हर साल जहरीली हवा से मरते हैं।
पॉल्यूशन से खांसी-जुकाम-साइनस-गले में खराश तो आम बात है। लेकिन जो सबसे बड़ी दिक्कत, लंग्स और हार्ट की बढ़ती परेशानी है। हवा में PM-2.5 का लेवल बढ़ने से लंग्स में इंफ्लेमेशन आ रहा है, रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम बढ़ रही है और कई बार तो इसकी वजह से ICU या फिर वेंटिलेटर तक पहुंचने की नौबत आ जाती है। इसी तरह हवा में मौजूद जहर दिल को भी दर्द दे रहा है। सांसों के जरिए धुंआ-धूल और हवा में मौजूद छोटे कण हार्ट की आर्टरीज में पहुंचते हैं, जो सूजन की वजह बनते हैं। इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। मसला सिर्फ फेफड़े और दिल का नहीं है, जहरीले कण लिक्विड फॉर्म में सांसों के जरिए वाइटल ऑर्गन्स तक भी पहुंच रहे हैं। पॉल्यूशन से डिमेंशिया, न्यूरो प्रॉब्लम, डायबिटीज, मेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। हेल्थ एक्सपर्ट तो ये भी दावा कर रहे हैं कि सालों-साल ऐसे हालात में रहने पर कैंसर भी हो सकता है। हमारा मकसद आपको डराना नहीं, सावधान करना है ताकि दिल-दिमाग-फेफड़े और आपके तमाम वाइटल ऑर्गन्स हेल्दी रहें और किसी की भी सांसों पर इमरजेंसी न लगे और लोग घबराएं नहीं मुस्कुराएं।
एयर पॉल्यूशन का कहर
ब्रोंकाइटिस
टीबी
अस्थमा
सिरदर्द
प्रदूषण की मार, खतरे में हार्ट
प्रदूषण कणों की सांस के रास्ते शरीर में एंट्री
फेफड़ों पर जम जाते हैं
ब्लड वेसल्स में चिपककर उन्हें संकरा बनाते हैं
खून में मिलने से ब्लड गाढ़ा होता है
खून की सप्लाई पर असर पड़ता है
ब्लड वेसल्स में ब्लॉकेज से हार्ट फेल
जानलेवा प्रदूषण, बीमारी की जड़
हाइपरटेंशन
डायबिटीज
डिमेंशिया
न्यूरो प्रॉब्लम
प्रदूषण से दुनियाभर में हर साल 80 लाख मौत
हल्दी है रामबाण
दूध में कच्ची हल्दी पकाएं
हल्दी-दूध में शिलाजीत मिलाएं
हल्दी दूध लंग्स के लिए फायदेमंद
एलर्जी में रामबाण
100 ग्राम बादाम
20 ग्राम कालीमिर्च
50 ग्राम शक्कर
मिलाकर पाउडर बनाएं
1 चम्मच दूध के साथ लें
गले में एलर्जी
नमक के पानी से गरारा
सरसों तेल से नस्य
मुलेठी खाने से फायदा
स्किन एलर्जी में पेस्ट लगाएं
एलोवेरा
नीम
मुल्तानी मिट्टी
हल्दी