लक्ष्मी कश्यप(संवाददाता)
ताइपे: ताइवान के राष्ट्रपति लाइ चिंग-ते दक्षिण प्रशांत की अपनी यात्रा के दौरान हवाई और गुआम में ठहरेंगे। उनकी इस योजना की चीन ने आलोचना की है। लाइ शनिवार को ताइवान से मार्शल द्वीप समूह, तुवालु और पलाऊ की यात्रा के लिए रवाना होंगे जो ताइवान के तीन राजनयिक सहयोगी हैं। लाइ के कार्यालय ने शुक्रवार को पुष्टि की कि वह अमेरिका के प्रांत हवाई और अमेरिकी क्षेत्र गुआम में रुकेंगे। उनकी इस योजना की चीन ने आलोचना की है।
चीन ने जताया विरोध
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि अगर अमेरिका ताइवान जलडमरूमध्य में शांति बनाए रखना चाहता है तो उसके लिए ताइवान मुद्दे को ‘‘ताइवान के स्वतंत्र देश होने का सीधे तौर पर विरोध करते हुए और चीन के शांतिपूर्ण एकीकरण का समर्थन करते हुए बेहद सावधानी से’’ संभालना महत्वपूर्ण है। माओ ने कहा कि चीन अमेरिका और ताइवान के बीच किसी भी तरह की आधिकारिक बातचीत और किसी भी कारण से ताइवान के नेताओं की अमेरिका की यात्रा का विरोध करता है।
ताइवान के लेकर आक्रामक रहा है चीन
चीनी सेना ने पिछले साल ताइवान के आसपास अभ्यास भी शुरू किया था। यह अभ्यास ताइवान की तत्कालीन उपराष्ट्रपति लाइ के अमेरिका प्रवास के बाद शुरु हुआ था। चीन ताइवान के नेताओं द्वारा इस तरह के अमेरिकी पड़ावों और साथ ही प्रमुख अमेरिकी राजनेताओं द्वारा द्वीप की यात्रा करने पर कड़ी आपत्ति जताता है और इसे वाशिंगटन द्वारा 1979 में ताइपे से बीजिंग को अपनी औपचारिक मान्यता बदलने के बाद ताइवान को राजनयिक दर्जा ना देने की अमेरिकी प्रतिबद्धता का उल्लंघन बताता है। चीनी दबाव के कारण अपने राजनयिक भागीदारों की संख्या में कमी आती देख, ताइवान ने अंतरराष्ट्रीय मंचों में भाग लेने के प्रयासों को दोगुना कर दिया है।