छठ पर इन 5 चीजों का होता है विशेष महत्व, इनके बिना अधूरा रह जाएगा ये त्योहार

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छठ पूजा में सूप का क्यों किया जाता है इस्तेमाल, कैसे शुरू हुई इसकी परंपरा?

लक्ष्मी कश्यप(संवाददाता)

बिहार और उत्तर प्रदेश समेत भारत की कई जगहों पर इस त्योहार को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। छठ पूजा के दौरान लोग 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं। नहाय-खाय से लेकर सूर्य देव को जल देने तक, इस पूजा के कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है। छठ की पूजा में कुछ चीजों को शामिल करना चाहिए। अगर आपने इन चीजों को शामिल नहीं किया, तो छठ की पूजा को अधूरा माना जाता है। आइए इस तरह की कुछ चीजों के बारे में जानते हैं।

  • लौकी, चने की दाल और चावल- आपकी जानकारी के लिए बता दें कि छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। जो लोग छठ का निर्जला व्रत रखते हैं, उन्हें इस दिन खाने में लौकी, चने की दाल और चावल खाना होता है। लौकी, चने की दाल और चावल, इन तीनों चीजों के बिना नहाय-खाय की पूजा को अधूरा माना जाता है।
  • ठेकुआ और केला- छठ पूजा का प्रसाद ठेकुआ और केले के बिना पूर्ण नहीं होता। प्रसाद में आप बाकी चीजों को भी शामिल कर सकते हैं लेकिन ठेकुआ और केले को शामिल करना न भूलें।
  • पीला सिंदूर- छठ पूजा में पीला सिंदूर भी रखा जाता है। छठ पूजा में व्रत रखने वाली सुहागन महिलाएं अपनी मांग में पीला सिंदूर लगाती हैं। मान्यता है कि पीले सिंदूर के बिना ये पूजा पूर्ण नहीं होती।
  • नारियल और गन्ना- छठ पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। इस समय नारियल और गन्ना रखना शुभ माना जाता है। इसके अलावा पूजा में सूप का होना भी बेहद जरूरी होता है। पूजा सामग्री में सूप को शामिल न करने से आपकी छठ पूजा अधूरी मानी जाएगी।

अगर आप भी इस बार छठ का त्योहार मना रहे हैं, तो आपको इन सभी चीजों को पूजा के दौरान शामिल करने की कोशिश करनी चाहिए। इनमें से किसी भी एक चीज को शामिल न करने की भूल की वजह से आपकी पूजा को पूर्ण नहीं माना जाएगा।

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