लक्ष्मी कश्यप (संवाददाता)
कर्नाटक के उडुपी से मर्डर की एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। 44 साल के बालकृष्ण की तीन हफ्ते पहले तबियत खराब हो गई थी। डॉक्टर्स ने कहा कि उन्हें पीलिया (जॉन्डिस) हुआ है और 20 अक्टूबर को बालकृष्णा की मौत हो गई। उनकी मौत में कुछ भी असामान्य नहीं लग रहा था लेकिन पत्नी प्रतिमा और बालकृष्ण दोनों के घर वालों को प्रतिमा पर शक हुआ। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि पति को अपने रास्ते से हटाने के लिए अपने प्रेमी की मदद से प्रतिमा ने पति के खाने में रोज थोड़ा-थोड़ा जहर मिलाकर खिलाया।
उडुपी से लेकर बेंगलुरु तक जब डॉक्टर्स ने बालकृष्णा की तबियत को लेकर जवाब दे दिया। इसके बाद 20 अक्टूबर को उडुपी जिले के करकला के अजेकर स्थित उनके घर पर प्रतिमा ने अपने प्रेमी दिलीप हेगड़े के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी।
17 साल पहले हुई थी शादी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 17 साल पहले प्रतिमा की शादी बालकृष्ण पुजारी से हुई थी। उनके दो बच्चे हैं। वह मुंबई में रहते थे लेकिन 2020 में कोरोना महामारी के कारण उनका परिवार अजेकर में आ गया था। आरोपी प्रतिमा के भाई संदीप को अपनी बहन और दिलीप के संबंधों के बारे में पता था। संदीप की शिकायत पर पुलिस ने प्रतिमा और दिलीप को हिरासत में लेकर पूछताछ की। बालकृष्णा के भाई रामकृष्ण की शिकायत के आधार पर पुलिस ने प्रतिमा और दिलीप के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया। जांच में पता चला कि पीड़ित को उसकी पत्नी ने धीरे-धीरे जहर दिया था और यह जहर उसे दिलीप ने सप्लाई किया था। जांच में यह भी पाया गया कि 20 अक्टूबर तड़के दोनों ने मिलकर तकिए से गला घोंटकर बालकृष्णा की हत्या कर दी। वहीं, दिलीप की घर पर मौजूदगी भी सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई।
25 दिनों से बुखार और उल्टी से पीड़ित था बालकृष्ण
पुलिस की शिकायत के अनुसार, होटल कर्मचारी बालकृष्ण बीते 25 दिनों से बुखार और उल्टी से पीड़ित था। उसे शुरू में करकला के रोटरी अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसे पीलिया होने का पता चला। बाद में उसे केएमसी अस्पताल, मणिपाल, मंगलुरु के वेनलॉक अस्पताल और आखिर में बेंगलुरु के निमहंस और विक्टोरिया अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। हालांकि, वह ठीक नहीं हुआ और 19 अक्टूबर की रात को अजेकर स्थित अपने घर वापस आ गया। 20 अक्टूबर को सुबह करीब 3:30 बजे उसकी मौत हो गई।
भाई ने मौत पर जताया था शक
बालकृष्ण की अचानक मौत के बाद प्रतिमा के भाई संदीप को उस पर शक हुआ और उसने उससे पूछताछ की। पुलिस ने बताया कि प्रतिमा ने धीरे-धीरे स्लो पॉइजन देकर अपने पति को पहले कमजोर किया और फिर इलाज के बहाने उसकी हत्या कर दी।
प्रतिमा पिछले डेढ़ महीने से बालकृष्ण को चावल में जहर मिलाकर दे रही थी। वह चावल में ब्लड कैंसर के लिए दी जाने वाली कीमोथेरेपी दवा आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड मिलाकर खिलाती थी। जहरीले चावल खाने से बालकृष्ण की तबीयत अचानक एक दिन बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सभी रिश्तेदारों के घर से जाने के बाद घोंट दिया गला
पुलिस के अनुसार, संदीप ने प्रतिमा पर दिलीप के साथ अपने रिश्ते को कबूल करने के लिए दबाव डाला। तब उसने स्वीकार किया कि दिलीप ने उसे जहर दिया, जिसे वह रोजाना बालकृष्णा के खाने में मिला देती थी। उसने यह भी कबूल किया कि 20 अक्टूबर को रात करीब 1.30 बजे दिलाप घर पर आया, जब सभी रिश्तेदार चले गए थे। दोनों ने मिलकर बालकृष्ण का गला घोंट दिया और इसे बीमारी से हुई मौत के रूप में पेश करने की कोशिश की।
सोशल मीडिया के जरिए दिलीप से मिली
जांच में यह भी पता चला कि ब्यूटी पार्लर चलाने वाली प्रतिमा और उसका पति साधारण जीवन जीते थे। लेकिन प्रतिमा, जिसकी शादी 18 साल की उम्र में हुई थी, ज़्यादा आलीशान लाइफस्टाइल चाहती थी। कुछ समय पहले वह सोशल मीडिया के जरिए अमीर शख्स दिलीप के सम्पर्क में आई और फिर दोनों ने मिलकर उसके पति को ठिकाने लगाने की ये साजिश रची।