उत्तरी गाजा में फिर अंदर तक घुसने लगे इजरायली टैंक, हमले में 10 लोगों की मौत; पलायन करने वाले बोले “अब नहीं लौट पाएंगे”

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गाजा में इजरायली हमले के बाद पलायन को फिर मजबूर हुए फिलिस्तीनी। - India TV Hindi

प्रियंका कुमारी(संवाददाता) 

काहिरा: इजरायली बलों ने गुरुवार को गाजा पट्टी पर बमबारी तेज कर दी है। इजरायली टैंक एक बार फिर तेजी से उत्तरी गाजा की कालोनियों में घुसने लगे हैं। इजरायली सेना ने लोगों को वहां से जल्द निकासी का आदेश दिया है। ताजा इजरायली हमले में गाजा में 10 लोगों की मौत हो गई है। इससे डर कर उत्तरी गाजा से फिर विस्थापन की एक नई लहर पैदा हो गई है। अब फिलिस्तीनियों को डर है कि वे दोबारा यहां वापस नहीं लौट पाएंगे।

फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि गाजा शहर में शाती शरणार्थी शिविर में विस्थापित परिवारों के एक स्कूल पर इजरायली हवाई हमले में कम से कम 10 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। वहीं इज़रायली सेना ने कहा कि हमले ने परिसर के अंदर बने हमास कमांड सेंटर को निशाना बनाया, जो पहले संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित स्कूल के रूप में काम करता था। इसने हमास पर सैन्य उद्देश्यों के लिए नागरिक सुविधाओं का शोषण करने का आरोप लगाया, जिससे समूह इनकार करता है।

इजरायली टैंकों के घुसते ही मची भगदड़

रिहाइशी इलाकों में इजरायली टैंकों के घुसते ही भगदड़ मचनी शुरू हो गई। जैसे ही इज़रायली टैंक बेइत लाहिया में आगे बढ़े वैसे ही दर्जनों परिवार पलायन करने लगे। करीब एक महीने बाद उत्तरी गाजा पर इजरायल ने दोबारा हमला शुरू किया है। ऐसे में फिलिस्तीनी जो भी सामान और भोजन ला सकते थे, उसके साथ गाजा शहर के स्कूलों और अन्य आश्रयों में पलायन के लिए पहुंचने लगे हैं। एक विस्थापित व्यक्ति ने कहा कि सिर के ऊपर ड्रोन को मंडराते हुए निकासी आदेशों का प्रसारण कर रहे थे, जो सोशल मीडिया आउटलेट्स और निवासियों के फोन पर भेजे गए ऑडियो और टेक्स्ट संदेशों पर भी प्रसारित किए गए।

इजरायल हर जगह कर रहा बमबारी

विस्थापितों ने कहा कि “जबलिया में अधिकांश या सभी लोगों को विस्थापित करने के बाद अब वे हर जगह बमबारी कर रहे हैं। लोगों को सड़कों पर और उनके घरों के अंदर मार रहे हैं। ताकि सभी को बाहर निकलने के लिए मजबूर किया जा सके। वहीं फ़िलिस्तीनी अधिकारियों का कहना है कि इज़रायल “जातीय सफ़ाए” की योजना चला रहा है। निवासियों का कहना है कि 5 अक्टूबर को ऑपरेशन शुरू होने के बाद से जबालिया, बेत लाहिया या बेत हनौन में कोई सहायता नहीं पहुंची है। जबकि इज़रायली सेना का कहना है कि उसने बुधवार को जबालिया को खाली करने और पास के बेत लाहिया को साफ़ करना शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा। ताकि हमास के आतंकवादियों से मुकाबला किया जा सके, जिनके बारे में उसका कहना है कि वे वहां फिर से इकट्ठा हो गए हैं। इजरायली सेना ने उन प्रेस रिपोर्टों का खंडन किया, जिसमें कहा जा रहा है कि विस्थापितों को उत्तरी गाजा में वापस लौटने की दोबारा अनुमति नहीं दी जाएगी।

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