प्रियंका कुमारी(संवाददाता)
बिहार के भागलपुर में बेटी की शादी के लिए लगाए पंडाल तहस-नहस हो जाने के सदमे में एक पिता की मौत हो गई। बेटी की डोली से पहले पिता की अर्थी उठने की खबर से हर कोई स्तब्ध है!
जानकारी के अनुसार, सोमवार को ग्रामीण चिकित्सक डा. शांति मंडल (60 वर्ष) की पुत्री की शादी होने वाली थी। शादी के लिए सारी तैयारी पूरी कर ली गई थी। उन्होंने सबसे छोटी बेटी की शादी की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
एक सप्ताह पूर्व से शादी के लिए पंडाल बनाया जा रहा था। पंडाल सज-धज कर लगभग पूरा हो चुका था। इसी बीच रविवार को शादी के एक दिन पूर्व कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया कि सबकुछ चौपट हो गया। रविवार की रात्रि आई आंधी-तूफान ने आकर्षक पंडाल को तहस-तहस कर दिया।
पंडाल देखकर लौटने के बाद बिगड़ी तबियत
परिजनों ने बताया कि आंधी के बाद देर रात्रि को ही डाक्टर साहब पंडाल का मुआयना करने निकले तो सारा पंडाल तहस-नहस देखकर वे बेहद मायूस हो गए थे। पंडाल देखकर घर लौटने पर स्वजन से उन्होंने कहा कि अब वे बच नहीं पाएंगे। पंडाल के साथ वे भी ऊपर चले जाएंगे। इतना कहने के बाद स्वजन को पांव व शरीर में तेल की मालिस करने को कहा। इतने में डा. मंडल की मौत हो गई।
तूफान में उजड़ी परिवार की खुशियां
आनन-फानन में परिजन उन्हें लेकर सन्हौला अस्पताल पहुंचे। हालांकि, डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उसके बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया। पुत्री स्वीटी रानी के हाथ में रचाई गई मेंहदी एक तूफान में उजड़ गई। ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार की शाम को कहलगांव अनुमंडल के एकचारी से उसकी बारात आने वाली थी, लेकिन सोमवार को उस घर से पिता की अर्थी उठ गई।
डा. मंडल का अंतिम संस्कार कहलगांव स्मशान घाट पर किया गया। इस घटना से सन्हौला के महेशपुर निवासी लड़के के नाना ने गमगीन मुद्रा में बताया कि सब किए-धरे पर पानी फिर गया। बेटी की डोली उठने के एक दिन पूर्व पिता की अर्थी उठने से शादी का माहौल मातम में बदल गया है। सभी स्वजन व पूरा गांव सदमे में है।