लक्ष्मी कश्यप (संवाददाता)
बच्चे कई बार लाड प्यार में बहुत ज़्यादा बिगड़ जाते हैं और धीरे धीरे अपने पेरेंट्स की बातों को अनसुना करने लगते हैं। हद तो तब हो जाती है जब बच्चे अपने अभिभावकों की कोई बात नहीं सुनते हैं और हर छोटी बड़ी चीज़ के लिए ज़िद करते हैं। इस तरह की हरकत 5 से लेकर 8 साल तक के बच्चों में खूब देखने को मिलती है। ऐसे में पेरेंट्स के लिए कई बार दुविधा भरी स्थिति खड़ी हो जाती है और वे सोच में पड़ जाते हैं कि बच्चों को बिना डांट फटकार के सही रस्ते पर कैसे लाया जाए। अगर आप भी पेरेंटिंग के इस मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आप अपने बच्चों के ऊपर बिना चिल्लाए या हाथ उठाएं उन्हें कैसे समझा सकते हैं:
इन टिप्स को करें फॉलो:
- किसी एक पैरेंट का स्ट्रिक्ट होना है ज़रूरी: जब घर में बच्चा पैदा होता है तो माँ बाप उस पर खूब प्यार लुटाते हैं। इस चक्कर में पेरेंट्स कई बार यह भूल जाते हैं कि ज़्यादा पैम्परिंग उन्हें ज़िद्दी बना सकती है। हालांकि इसका यह मतलब भी नहीं है कि बच्चे के साथ एकदम से स्ट्रिक्ट हो जाएं और बच्चे पर चिल्लाएं। आप दोनों ऐसा कर सकते हैं कि एक पैरेंट बच्चे के साथ सख्त रहे तो दूसर नरम। इससे बैलंस बना रहता है।
- बच्चे की हर फरमाइश न करें पूरी: लाड प्यार की वजह से बच्चे की घर में कपड़ों से लेकर खिलौनों हर फरमाइश पूरी होती है। इस वजह से वो बहुत ज़्यादा ज़िद्दी हो जाते हैं और फिर हर चीज़ की डिमांड करते हैं। अपनी मन पसंद चीज़ को पाने के लिए बच्चे मॉल या शॉप पर में ज़मीन पर लेटने लगते हैं। ऐसी स्थिति में अपने आप पर धैर्य रखें और उन्हें समझाएं। यह आपकी ज़िम्मेदारी है कि उन्हें हर चीज़ की वैल्यू करना आए इसलिए उनकी बेफिज़ूल की हर फरमाइश पूरी न करें।
- बच्चों के साथ समय बिताएं: अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आपकी बात सुनें, आपका कहना माने तो सबसे पहले उसके लिए समय निकालें। उसके साथ खेलें और उससे खूब बातें करें। इससे वह आपको अपने सबसे करीब पायेगा और आपकी बातें भी मानेगा