आखिर कांग्रेस के मन में क्या? नेशनल कॉन्फ्रेंस को अभी तक नहीं सौंपा समर्थन पत्र, चिट्ठी के इंतजार में बैठे उमर अब्दुल्ला

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला- India TV Hindi

लक्ष्मी कश्यप (संवाददाता)

जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक दल की बैठक में उमर अब्दुल्ला को विधायक दल का नेता चुन लिया है। शुक्रवार को नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस विधायक दल की बैठक हो सकती है। इसके बाद उमर अब्दुल्ला को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करना है।

वहीं,  कांग्रेस ने अभी तक नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन का पत्र नहीं सौंपा है। इससे सस्पेंस की स्थिति बनी हुई है। उमर अब्दुल्ला ने कल कांग्रेस को चिट्ठी भेजने के लिए डेडलाइन दी और एक दिन का वक्त दिया था।

इस बीच चार निर्दलियों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। इसके बाद नेशनल कांफ्रेंस के पास 46 विधायकों का समर्थन हो गया है। अब पार्टी बिना कांग्रेस के समर्थन के भी बहुमत का आंकड़ा पार कर सकती है।

गुरुवार को नेशनल कांफ्रेंस विधायक दल की बैठक हुई। इसमें उमर अब्दुल्ला को सर्व सम्मित से पार्टी विधायक दल का नेता चुन लिया गया। लेकिन कांग्रेस की अभी तक न तो कोई बैठक हुई है। न ही पार्टी ने नेशनल कांफ्रेंस को समर्थन करने वाली चिट्ठी सौंपी है।

इसी के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वो कांग्रेस के समर्थन पत्र का इंतजार कर रहे हैं ताकि सरकार बनाने का दावा पेश किया जा सके। उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस को एक दिन की डेडलाइन दी थी, जो अब पूरी हो चुकी है।

बता दें कि जम्मू-कश्मर में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन कर चुनाव लड़ी थी। नेशनल कांफ्रेंस ने 42 और कांग्रेस ने छह सीटें जीती। इसी तरह इस गठबंधन को कुल 48 सीटें मिली हैं जो बहुमत के आंकड़े से ज्यादा हैं। कांग्रेस ने अभी तक नेशनल कांफ्रेंस को समर्थन वाली चिट्ठी नहीं सौंपी है, लेकिन चार निर्दलीय सरकार को समर्थन करने के लिए आगे आ गए हैं।

जम्मू-कश्मीर में कुल विधायकों की संख्या 90 है। सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 46 विधायक चाहिए। निर्दलियों के समर्थन के बाद नेशनल कांफ्रेंस का आंकड़ा यहां तक पहुंच गया है। अगर इसमें कांग्रेस के छह विधायकों को जोड़ दें तो ये आंकड़ा 52 तक पहुंच जाएगा।

जम्मू कश्मीर में अभी तक कांग्रेस का रुख साफ नहीं है लेकिन एक चीज साफ है कि नेशनल कांफ्रेंस केंद्र सरकार से टकराव के मूड में नहीं हैं। उमर अब्दुल्ला पहले ही साफ कर चुके हैं कि उन्हें फिलहाल 370 की बहाली की उम्मीद नहीं है। जिस सरकार ने 370 हटाया है। उससे इसे हटाने की उम्मीद करना बेवकूफी होगी, लेकिन नेशनल कांफ्रेंस जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा जोरशोर से उठाएगी। फारुक अब्दुल्ला ने यही बात दोहराई है।

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